बड़ी खबर: पीछा नहीं छोड़ रही महंगाई, इन चीजों पर भी GST, इतना बढ़ेगा दाम

महंगाई लोगों का पीछा नहीं छोड़ रही है। पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने की चीजें महंगी हो चुकी हैं। सब्जियों के दाम भी फिर से तेजी पकड़ रहे हैं। इस बीच जनता को एक और झटका देने की तैयारी कर ली गई है। जीएसटी काउंसिल ने दो दिन की बैठक में जीएसटी से छूट की समीक्षा को लेकर मंत्री समूह (GOM) की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया। यह छूट फिलहाल डिब्बाबंद और लेबल युक्त खाद्य पदार्थों को मिलती है।

अब दही, पनीर, शहद, मांस और मछली जैसे डिब्बा बंद और लेबल-युक्त खाद्य पदार्थों पर जीएसटी (GST) लगेगा। साथ ही चेक जारी करने के एवज में बैंकों की तरफ से लिये जाने पर शुल्क पर भी जीएसटी देना पड़ेगा। अधिकारियों ने कहा कि माल एवं सेवा कर से जुड़े मुद्दों पर निर्णय लेने वाली शीर्ष निकाय जीएसटी काउंसिल (GST Council Meeting) ने दरों को युक्तिसंगत बनाने के मकसद से छूट वापस लेने को लेकर राज्यों के वित्त मंत्रियो के समूह की ज्यादातर सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं।

क्या होगा महंगा

1- डिब्बा बंद मांस (फ्रोजन छोड़कर), मछली, दही, पनीर, शहद, सूखा मखाना, सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज, गेहूं का आटा, मूरी, गुड़, सभी वस्तुएं और जैविक खाद जैसे उत्पादों पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

2- इसी प्रकार, चेक जारी करने पर बैंकों द्वारा लिये जाने वाले शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। एटलस समेत नक्शे और चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। वहीं, खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी।

3- इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है। अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है।

4- भारांश औसत जीएसटी को बढ़ाने के लिये दरों को युक्तिसंगत बनाना महत्वपूर्ण है। भारांश औसत जीएसटी घटकर 11.6 प्रतिशत पर आ गया है जो इस कर व्यवस्था के लागू होने के समय 14.4 प्रतिशत था।

5- जीएसटी परिषद ने खाद्य तेल, कोयला, एलईडी लैंप, श्प्रिंटिंग/ड्राइंग इंकश्, तैयार चमड़ा और सौर बिजली हीटर समेत कई उत्पादों पर उलट शुल्क ढांचे (कच्चे माल और मध्यवर्ती वस्तुओं के मुकाबले तैयार उत्पादों पर अधिक कर) में सुधार की भी सिफारिश की है।

6- परिषद बुधवार को राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये क्षतिपूर्ति व्यवस्था जून, 2022 के बाद भी जारी रखने की मांग पर विचार कर सकती है। इसके अलावा कसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

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posted on : June 29, 2022 10:54 am
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