उत्तराखंड : जिला पंचायत अध्यक्षों को दिए ये अधिकार, महाराज का बड़ा फैसला

रामनगर: पंचायतों को सशक्त करने की दिशा में आज एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पंचायततीराज मंत्री सतपाल महाराज ने जिलापंचायत अध्यक्षों को मुख्य विकास अधिकारियों और अपर मुख्य अधिकारी की वार्षिक चरित्र प्रविष्टि में अंकन करने (एसीआर) का अधिकार दे दिया है। पंचायततीराज मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को ढिकुली स्थित एक रिसोर्ट में 73वें संविधान संशोधन के तहत त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं को सम्पूर्ण अधिकार हस्तान्तरण विषय पर प्रदेश के समस्त जनपदों से आये जिलापंचायत अध्यक्षों की बैठक में यह निर्णय लिया।

प्रदेश के पंचायत राज, पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड राज्य के समस्त जिला पंचायत अध्यक्षों के साथ बैठक कर पंचायतों को सशक्त करने के लिए एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए जिलापंचायत अध्यक्षों को मुख्य विकास अधिकारियों और अपर मुख्य अधिकारी की वार्षिक चरित्र प्रविष्टि में अंकन करने (एसीआर) का अधिकार दे दिया है।

रामनगर के स्थित एक रिसोर्ट में आयोजित बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष संगठन की अध्यक्ष (टिहरी की जिला पंचायत अध्यक्ष) सोना सजवाण ने पंचायतराज मंत्री के सामने एक मांग पत्र रखा। जिसमें 73वें संविधान संशोधन के तहत जो 29 विषय पंचायतों को हस्तान्तरित किये जाने हैं, उनको तुरंत पंचायतों को हस्तांतरित किये जाने, सीडीओ और एएमए की सीआर लिखने का अधिकार दिए जाने सहित कई माँगे शामिल थी। विषय की गंभीरता को देखते हुए पंचायत राज मंत्री ने इसका अनुपालन करने का आश्वासन देते हुए जिलापंचायत अध्यक्षों को मुख्य विकास अधिकारी तथा अपर मुख्य अधिकारी ज़िला पंचायत के सीआर के अंकन के समय अपना मन्तव्य अंकित करने का अधिकार दे दिया।

पंचायतराज मंत्री सतपाल महाराज ने ज़िला पंचायत अध्यक्षों को राज्य मंत्री स्तर का दर्जा और अन्य सुविधाएं भी दिए जाने के सम्बंध में सम्यक् निर्णय शीघ्र लेने की बात भी कही है। उन्होने कहा कि इस संबंध मे शासन को प्रस्ताव प्रेषित कर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा। श्री महाराज ने कहा कि जिला पंचायत संगठन की सरकारी गेस्ट हाउस में राज्य मंत्री के लिए अनुमान्य दरों के समान छूट प्रदान करने, आदि सभी मांगों पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

पंचायती राज मंत्री द्वारा पंचायत क्षेत्रों में साफ़ सफ़ाई ठीक रखने, पेयजल स्रोतों को पुनर्जीवित करने, उनके संरक्षण करने, बाल हितैषी पंचायत बनाने, आजीविका समवर्धन सहित सतत विकास लक्ष्यों के सभी सत्रह लक्ष्यों को प्राप्त करने के सम्बंध में सक्रिय और समय बद्ध तरीक़े से कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होने पंचायतों के आय के स्रोत बढ़ाने तथा ऐसी परियोजनाओं के निर्माण के निर्देश दिए जिससे ज़िला पंचायतों की आय बढ़ सके। उन्होने कहा कि इसके लिए किसी सरकारी विभाग के भूमि के हस्तांतरण की आवश्यकता होगी तो उसको भी किया जाएगा।

शेयर करें !
posted on : May 2, 2022 6:49 pm
<
error: Content is protected !!