उत्तराखंड से बड़ी खबर: इस नदी पर बनी एक किलोमीटर लंबी झील, मंडरा रहा बड़ा खतरा

बागेश्वर : मानसून की दस्तक के साथ ही प्रदेशभर से भूस्खलन की खबरें भी सामने लगी हैं। बरसात के दौरान प्रदेश में प्रत्येक साल भारी नुकसान होता है। भूस्खलन से नदियों पर झीलें बनने की खबरें भी सामने आती रहती हैं। बागेश्वर जिले के सीमांत क्षेत्र में शंभू नदी में भारी भूस्खलन होने से झील बन गई है। जिले के अंतिम गांव कुंवारी से करीब दो किलोमीटर आगे झील बनने से उसके टूटने का खतरा बना हुआ है। झील का आकार लगातार बढ़ता जा रहा है। झील की सूचना मिलने के बाद तहसीलदार पूजा शर्मा ने सिंचाई विभाग, आपदा प्रबंधन और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की टीम के साथ नदी पर बनी झील का निरीक्षण किया।

नदी पर करीब एक किलोमीटर लंबी और पचास मीटर चौड़ी झील बन गई है। इसकी जानकारी नदियों को जोड़ने की योजना के तहत सर्वे करने आई यूसेक की टीम से मिली। मानसून की दस्तक के साथ ही झील में जलस्तर बढ़ने से इसके टूटने का खतरा बढ़ रहा है। झील के टूटने से चमोली जिले में भारी नुकसान हो सकता है। पिंडर नदी चमोली जिले के थराली, नारायणबगड़ से होते हुए कर्णप्रयाग में अलकनंदा में मिलती है।

शंभू नदी बोरबलड़ा गांव के समीप शंभू ग्लेशियर से निकलती है। नदी कुंवारी गांव से करीब पांच किलोमीटर आगे पिंडारी ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर नदी में मिल जाती है। ग्रामीणों के अनुसार झील बोरबलड़ा के तोक भराकांडे से करीब चार किलोमीटर और कुंवारी गांव से करीब दो किलोमीटर आगे कालभ्योड़ में बनी है। यहां से चार किलोमीटर आगे जाकर शंभू नदी पिंडर नदी में में मिल जाती है।

आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केन्द्र ने कुंवारी गांव को लेकर पूर्व में ही अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कुवांरी गांव के पास कपकोट फोरमेसन और हतथसिला फोरमेशन होकर गुजर रहे हैं। उनके आपस में टकराने से टैक्टोनिक जोन बन रहा है। जिससे भूस्खलन का खतरा बना रहता है। 2013 में भी भूस्खलन के कारण शंभू नदी में झील बन गई थी। इतना ही नहीं 2018 में भी एक बार ऐसे ही हालात बने थे।

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posted on : June 27, 2022 3:53 pm
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